उत्तर प्रदेश

समाज कल्याण विभाग के संविदा शिक्षक करेंगे आंदोलन

16 अगस्त से काली पट्टी शोषण के खिलाफ उठा रहे हैं आवाज

● 27 अगस्त को निदेशालय पर धरना प्रदर्शन भी होगा ।

मृत्युंजय प्रताप सिंह पत्रकार

लखनऊ 10 अगस्त, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभागके संविदा शिक्षक सीधे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े हुए हैं। समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग में संविदा शिक्षकों ने शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है। जनजाति विकास विभाग में शासनादेश के बावजूद भी चार शिक्षकों को संविदा राशि में संशोधन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग में तीन शिक्षक संविदा से निकाल दिए गए है , जबकि 200 से अधिक संविदा शिक्षकों को संविदा नवीनीकरण नहीं करने की नोटिस जारी की गई है। संयुक्त परिषद ने समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षकों को उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए मुख्य सचिव ,प्रमुख सचिव समाज कल्याण एवं निदेशक को पत्र भेजा है लेकिन विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं । संयुक्त परिषद ने समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षकों के आंदोलन को नेतृत्व प्रदान करने का फैसला किया है। 16 अगस्त से प्रदेश के सभी आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षक एवं फर्मासिस्ट काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 27 अगस्त को निदेशालय पर एकत्र होकर धरना प्रदर्शन कर निदेशक को ज्ञापन सौंपा जाएगा। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने 16 अगस्त से शुरू होने वाले आंदोलन की ऑन लाइन समीक्षा किया है। प्रदेश के सभी आश्रम पद्धति विद्यालयों के संविदा शिक्षक आंदोलन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। समाज कल्याण अधिकारी एवं स्कूलों के प्रधानाचार्य द्वारा संविदा शिक्षकों का बहुत अधिक शोषण किया जा रहा है। प्रधानाचार्य अपनी मनमर्जी रिपोर्ट लगाकर संविदा कर्मियों के संविदा नवीनीकरण में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं । समाज कल्याण निदेशालय में अनावश्यक रूप से 50% परीक्षा परिणाम को आधार बनाकर संविदा रोकने का कुचक्र चलाया जा रहा है। समाज कल्याण निदेशालय के एटीएस प्रकोष्ठ में हरदोई के एक संविदा शिक्षक को विगत पांच वर्षों से संबद्ध किया गया है, जो जनपदों के संविदा शिक्षकों के लिए आतंक का पर्याय बना हुआ है। शिक्षक का मूल कार्य शिक्षा देना है। परंतु 70000 रुपया महीना वेतन देकर शिक्षक से एक लिपिक का कार्य लिया जा रहा है। शिक्षक के वेतन से चार लिपिक संविदा पर रखे जा सकते हैं। शिक्षक को संबद्ध कर बिना शिक्षण कार्य के वेतन देना वित्तीय अनियमितता है। इसकी जांच किए जाने की मांग भी संयुक्त परिषद ने किया है।

प्रदेश के संविदा शिक्षकों ने एटीएस प्रकोष्ठ में संबद्ध संविदा शिक्षक की संबद्धता समाप्त किए जाने की मांग भी किया है। समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के आंदोलन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सभी संबद्ध घटकों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी भी सहयोग करेंगे। यदि 27 अगस्त के धरना प्रदर्शन के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 25 अक्टूबर को समाज कल्याण विभाग की कार्य प्रणाली के विरोध में संयुक्त परिषद विधानसभा का घेराव भी करेगी। जे एन तिवारी (अध्यक्ष),नारायण जी दूबे (प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष)।

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