उत्तर प्रदेश

आठवे वेतन आयोग गठन और डीए को मूल वेतन में जोड़ने की मांग

संयुक्त परिषद ने पीएम को तर्को सहित भेजा पत्र

मृत्युंजय प्रताप सिंह पत्रकार

लखनऊ 22 जून। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की आपात बैठक अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने किया। बैठक मे तय होने पर मा0 प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली को सरकारी कर्मचारियों के वेतन,भत्तों,पेंशन व अन्य लाभों को संशोधति करने हेतु 8वें वेतन आयोग के गठन एवं 50 प्रतिशत डीए को मूल वेतन में समाहित किये जाने की मांग की गई। पत्र में इसके लिए तर्क भी दिये गए।
बैठक के बाद जानकारी देते हुए अपर महामंत्री डा. नरेश कुमार ने बताया कि मा. प्रधानमंत्री भारत सरकार को सम्बोधित मॉग पत्र में प्रदेश के कार्मिकों और शिक्षकों की ओर से आठवे वेतन आयोग गठन और डीए को मूल वेतन में जोड़ने की मांग की गई।उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य कर्मचारियों के वेतन,भत्तों, पेंशन आदि लाभोें को संशोधित करने हेतु प्रत्येक 10 वर्ष पर वेतन आयोग के गठन गठन का निर्णय लिया गया था। सातवें वेतन आयोग के गठन उपरान्त संस्तुतियों को 01 जनवरी .2016 से केन्द्रीय एवं राज्य कर्मचारियों के लिए लागू किया गया अतः 8वॉ वेतन आयोग की सस्तुतियों 01 जनवरी 2026 से लागू की जानी है। जिसके लिए तत्काल आठवें वेतन आयोग के गठन की आवश्यकता है, हालॉकि सातवें वेतन आयोग द्वारा ने मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत बृद्धि की गयी थी, जो 70 साल में सबसे कम है। कर्मचारी संगठनों द्वारा न्यूनतम वेतन 26000 प्रतिमाह की माँग की गई थी, भारत सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सस्तुतियों को लागू करने के लिए गठित समिति ने इस पर सहमति भी व्यक्त की गई, लेकिन न्यूनतम वेतन 18000 प्रतिमाह ही निर्धारित किया गया। कर्मचारी संगठनों द्वारा फिटमेन्ट फैक्टर 3.68 प्रतिशत से गणना किये जाने की माँग गई थी लेकिन 2.57 प्रतिशत की ही सिफारिश की गई व गणना की गई। हालॉकि उप्र के कर्मचारियों के लिए भत्तों की समानता अभी तक अप्राप्त है। परिषद के नेताओ ने बताया कि वर्ष 2016 से वर्ष 2023 के बीच सरकार के राजस्व में जबरदस्त उछाल आया है, वास्तविक राजस्व 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है और देश 5 ट्रिलियन इकानामी की ओर अग्रसर है जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2023 के बीच तुलना की जाये तो खुदरा कीमतें 80 प्रतिशत से अधिक बढ़ी हैं लेकिन मँहगाई भत्ता केवल 46 प्रतिशत ही दिया गया है। इस प्रकार देखा जाय तो कर्मचारियों को जीवन यापन में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
परिषद की तरफ से कहा गया कि केन्द्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों का मँहगाई भत्ता ) 01.जनवरी .2024 को 50ः हो गया है और 8वें वेतन आयोग के गठन व उसकी सिफारिशें लागू होने में अभी वक्त लगेगा, अतः डीए को मूल वेतन में समाहित कर दिया जाये। सातवें वेतन आयोग द्वारा उक्त के सम्बन्ध में स्पष्ट सिफारिश की गई हैं। अतः उपरोक्त समस्त पहलुओं और जीवन की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये व योग्यता व प्रतिभाशाली उम्मीदवारों के सरकार सेवा हेतु आकर्षित करने के लिए आठवें वेतन आयोग के तत्काल गठन किया जाए।

Dainik Aaj

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