उत्तर प्रदेशस्वास्थ्य

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने रायबरेली में किडनी और कैंसर रोग विशेषज्ञ सेवाओं का किया शुभारंभ

गंभीर बीमारियों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) जीवनरक्षक इलाज

 

मृत्युंजय प्रताप सिंह पत्रकार
रायबरेली, 28 दिसंबर, 2024: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने आज रायबरेली में देवती बीके हॉस्पिटल और वात्सल्य नर्सिंग होम के सहयोग से विशेष ओपीडी सेवाओं का शुभारंभ किया। यह सेवाएँ रायबरेली और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं।

ओपीडी सेवाओं का उद्घाटन मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ के प्रिंसिपल कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट मेडिसिन, डॉ. अभिजीत कुमार और सीनियर कंसल्टेंट – मेडिकल एवं हेमेटो-ऑन्कोलॉजी, डॉ. दीपंकर भट्टाचार्य की उपस्थिति में हुआ।

डॉ. अभिजीत कुमार हर महीने के तीसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक देवती बीके हॉस्पिटल, रायबरेली में प्राथमिक परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। वहीं, डॉ. दीपंकर भट्टाचार्य हर महीने के तीसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक वात्सल्य नर्सिंग होम, रायबरेली में परामर्श देंगे।

डॉ. अभिजीत कुमार ने इस अवसर पर कहा, “किडनी फेलियर या क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें समय के साथ किडनियाँ ख़ून से विषैले पदार्थों और अपशिष्ट को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह जाती हैं। हालाँकि यह बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होती, लेकिन समय पर पहचान और शुरुआती इलाज से बीमारी की गति को धीमा किया जा सकता है। शराब का अधिक सेवन, नशे का उपयोग, गंभीर डिहाइड्रेशन, असंतुलित आहार और दर्द निवारक दवाओं का बिना निगरानी के उपयोग जैसे कारणों से किडनी रोग के मामले बढ़ रहे हैं। लोगों को इस बारे में जागरूक होने की जरूरत है और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए ताकि किडनी की समस्याओं से बचा जा सके।”

डॉ. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “ब्लड कैंसर जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मल्टीपल मायलोमा को अब कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और कई मामलों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इन रोगों के लक्षणों की जानकारी के अभाव में अक्सर ग़लत जाँच और पहचान देर से होती है। एक साधारण ब्लड टेस्ट (कंप्लीट ब्लड काउंट) और एक बेहतर पेरिफेरल स्मियर जाँच से सही निदान की ओर पहला कदम बढ़ाया जा सकता है।

हेमेटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में हुई प्रगति के चलते, बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) आज गंभीर बीमारियों के लिए जीवनरक्षक इलाज बनकर उभरा है।”

इस ओपीडी सेवा के शुभारंभ का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना और उन मरीजों की परेशानी को कम करना है, जिन्हें अब तक विशेष इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। विश्वस्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञता को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराते हुए मैक्स हॉस्पिटल लोगों को समय पर इलाज कराने और गंभीर बीमारियों का बेहतर इलाज पाने के लिए सशक्त बना रहा है।

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने रायबरेली में किडनी और कैंसर रोग विशेषज्ञ सेवाओं का किया शुभारंभ

– गंभीर बीमारियों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) जीवनरक्षक इलाज

*रायबरेली, 28 दिसंबर, 2024:* मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने आज रायबरेली में देवती बीके हॉस्पिटल और वात्सल्य नर्सिंग होम के सहयोग से विशेष ओपीडी सेवाओं का शुभारंभ किया। यह सेवाएँ रायबरेली और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं।

ओपीडी सेवाओं का उद्घाटन मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ के प्रिंसिपल कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट मेडिसिन, डॉ. अभिजीत कुमार और सीनियर कंसल्टेंट – मेडिकल एवं हेमेटो-ऑन्कोलॉजी, डॉ. दीपंकर भट्टाचार्य की उपस्थिति में हुआ।

डॉ. अभिजीत कुमार हर महीने के तीसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक देवती बीके हॉस्पिटल, रायबरेली में प्राथमिक परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। वहीं, डॉ. दीपंकर भट्टाचार्य हर महीने के तीसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक वात्सल्य नर्सिंग होम, रायबरेली में परामर्श देंगे।

डॉ. अभिजीत कुमार ने इस अवसर पर कहा, “किडनी फेलियर या क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें समय के साथ किडनियाँ ख़ून से विषैले पदार्थों और अपशिष्ट को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह जाती हैं। हालाँकि यह बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होती, लेकिन समय पर पहचान और शुरुआती इलाज से बीमारी की गति को धीमा किया जा सकता है। शराब का अधिक सेवन, नशे का उपयोग, गंभीर डिहाइड्रेशन, असंतुलित आहार और दर्द निवारक दवाओं का बिना निगरानी के उपयोग जैसे कारणों से किडनी रोग के मामले बढ़ रहे हैं। लोगों को इस बारे में जागरूक होने की जरूरत है और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए ताकि किडनी की समस्याओं से बचा जा सके।”

डॉ. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “ब्लड कैंसर जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मल्टीपल मायलोमा को अब कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और कई मामलों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इन रोगों के लक्षणों की जानकारी के अभाव में अक्सर ग़लत जाँच और पहचान देर से होती है। एक साधारण ब्लड टेस्ट (कंप्लीट ब्लड काउंट) और एक बेहतर पेरिफेरल स्मियर जाँच से सही निदान की ओर पहला कदम बढ़ाया जा सकता है।

हेमेटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में हुई प्रगति के चलते, बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) आज गंभीर बीमारियों के लिए जीवनरक्षक इलाज बनकर उभरा है।”

इस ओपीडी सेवा के शुभारंभ का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना और उन मरीजों की परेशानी को कम करना है, जिन्हें अब तक विशेष इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। विश्वस्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञता को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराते हुए मैक्स हॉस्पिटल लोगों को समय पर इलाज कराने और गंभीर बीमारियों का बेहतर इलाज पाने के लिए सशक्त बना रहा है।

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