गांधी जी द्वारा 1932 में स्थापित संस्था हरिजन सेवक संघ दिल्ली के स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय सद्भावना सम्मेलन
समाज के सभी वर्गों में सद्भाव स्थापित करना हमारा प्रमुख दायित्व: शंकर कुमार सान्याल
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। समाज में आश्प्रश्यता को समूल नष्ट करने और हरि के जनों की सेवा करने हेतु गांधी जी ने पूना समझौते के बाद जो संस्था निर्मित की उसका नाम हरिजन सेवक संघ है जिसके प्रथम अध्यक्ष श्री घन श्याम दास बिड़ला को बनाया गया।जो 27 वर्ष तक इसके अध्यक्ष रहे।उसके बाद माता रामेश्वरी नेहरू अध्यक्ष बनीं।तबसे यह संस्था समाज में बहुत ही सेवा का कार्य कर रहा है। दीदी निर्मला देशपांडे जो गांधी विनोबा विचार की संवाहक थीं। वह जब अध्यक्ष बनीं तो गांधी विनोबा विचार पर गांव गांव काम करने वाले साथी इस राष्ट्रीय संगठन से जुड़ गए। और उसी धारा को आगे बढ़ाने वाले दादा डा शंकर कुमार सान्याल वर्तमान में अध्यक्ष हैं। सान्याल जी ने इस संगठन को आध्यात्मिकता से भी जोड़ने का विराट कार्य किया।उसका प्रतीक संत मोरारी बापू की दस दिवसीय हरिजन कथा परिसर में होना,उसके बाद पूज्य दलाई लामा और देश के सभी धर्मों के संतों की उपस्थिति में सर्व धर्म सम्मेलन हुआ। हरिजन सेवक संघ संस्था जो गांधी जी द्वारा अपने जीवन में स्थापित संस्थाओं में सबसे प्राचीन संस्था है।इस परिसर में गांधी जी, मां कस्तूरबा सुभाष बोस जैसे तमाम स्वतंत्रता के दीवाने यहां उस समय रहे थे। यहां की भूमि अभिमंत्रित है। हरिजन सेवक संघ के 92 वां स्थापना दिवस की शुरुआत वैसे तो 24 सितंबर को मनाया जाता रहा है लेकिन जब से सद्भावना सम्मेलन होना शुरू हुआ यह सम्मेलन दो दिन का होने लगा लेकिन इस बार तो पांच दिन पहले 18 सितंबर से ही गांधी आश्रम के विशाल परिसर को पूर्ण स्वच्छ करने के निमित्त सेवाभावी निरंकारी मिशन के सेवक पूर्ण करने हेतु श्रमदान का अभियान चलाया गया। परिसर को इतना सुंदर इस मेहनत ने कर दिया कि उपाध्यक्ष श्री नरेश यादव को सफाई में ही खुदाई नजर आने लगी। 24 सितंबर के पावन।दिवस पर तो यह परिसर जहां प्रवेश करते ही आचार्य विनोबा की प्रतिमा और आगे बढ़ने पर योगा केंद्र और गांधी जी के निजी सचिव महादेव भाई देसाई के नाम से अति सुंदर लाइब्रेरी के बाद ठक्कर बापा की विशालकाय प्रतिमा के समक्ष परिसर के मध्य में गांधी जी की अदभुत प्रतिमा और स्तंभ, साथ में वह कार्यालय जिसे स्वयं बिड़ला जी ने बनवाया था जहां अध्यक्ष के रूप में स्वयं बैठे थे। उस समय की उद्योग शाला, बा की रसोई और वह सौभाग्य शाली प्रार्थना मंदिर जहां गांधी जी बैठकर प्रार्थना करते थे। बच्चों के स्कूल और छात्रालय , हरि कुटीर, फिर अध्यक्ष आवास जिसमें 25 साल विनोबा की मानसपुत्री रहीं। दादा शंकर सान्याल जी ने आज के सद्भावना सम्मेलन की मुख्य अतिथि निरंकारी मिशन की मुखिया राज माता सुदीक्षां जी महाराज और राज पिता जी जिनके आज अमृत वचनों से आज यह परिसर आप्लावित होने वाला था। तय समय के अनुसार ग्यारह बजे जैन धर्म के 98 वर्षीय संत हुकुम चंद्र जी महाराज जो निर्मला दीदी के समय से आते रहे हैं आज।दादा के निमंत्रण पर यहां पधारे दीप प्रज्वलन करने के समय सेवाधाम उज्जैन के प्रमुख सुधीर भाई गोयल ने सर्व धर्म के।अनुरूप आरती गाई। उड़िया पुस्तक का विमोचन कर कनक लता माताजी का स्वागत अंगवस्त्र और माला से हुआ दिव्या बहन का भजन हुआ और स्वामी जी ने थोड़े में ही कहा कि जब से व्यक्ति पर चांद पर जाना शुरू किया है तबसे धरती पर चांदनी कम हो गई है।यह आश्रम बहुत वर्षों से यहां काम कर रहा है। मैं इसको आगे बढ़ते हुए देखने की कामना करता हूं। शाम 5 बजे गांधी आश्रम परिसर इतनी अधिक रोशनी से जगमगा रहा था कि दिन में धूप खिली हो । अध्यक्ष दादा सान्याल और उपाध्यक्ष नरेश यादव के साथ राजमाता जी का बहुत ऊंचे बने मंच पर आना हुआ कि हजारों लोगों ने उनका करतल ध्वनि से स्वागत किया। बच्चों के स्वागत गीत और सरस्वती मां की प्रार्थना के बाद अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष ने सूत की माला ,अंगवस्त्र और गांधी के।चरखे से अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत संबोधन में संघ का इतिहास और संघ द्वारा किए गए कामों की जानकारी दी। सुंदर भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए ते पीर पराई जाने रे हुआ। फिर माता जी का प्रवचन जिसकी प्रतीक्षा हो रही थी। बाबा हरदेव सिंह का स्मरण किया गया वह भी इस परिसर में कई साल पहले आए थे। आज भी उसी तरीके से सुदीक्षा माता जी को लोगों ने सुना। उन्हीबे सद्भाव का संदेश सभी को दिया। उसके बाद हरिजन सेवक संघ के हर पदाधिकारियों से सभी के कार्यों की।जानकारी श्रद्धेय माता जी ने लेते हुए आशा व्यक्त की कि निरंकारी मिशन और हरिजन सेवक संघ दोनो मिलकर व्रक्षारोपण तथा स्वास्थ्य शिविर लगाकर बड़ा काम करेंगें। निरंकारी मिशन ने आश्रम परिसर में संगीत संस्थान खोलने की।घोषणा की। सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत ठक्कर बापा आश्रम स्कूल के प्यारे प्यारे बच्चों के मुख से नाम माला ॐ तत्सत श्री नारायण तू,पुरुषोत्तम गुरु तू, और एकादश व्रत संस्था के सचिव संजय राय के निर्देशन में हुआ। आश्रम में संचालित महात्मा गांधी योग केंद्र की प्रशिक्षक नलिनी बहन ने नन्हें मुन्ने बच्चों और अपनी टीम के माध्यम से योग की विभिन्न प्रस्तुतियां कर सबकी करतल ध्वनि पाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा शंकर कुमार सान्याल ने प्यारे बच्चों के बीच में जाकर उनका उत्साह वर्धन किया। और अगले सत्र का संचालन हरिजन सेवक संघ की पहली महिला सचिव सर्वोदय आश्रम हरदोई की अध्यक्ष उर्मिला श्रीवास्तव ने करते हुए मंच पर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष श्री नरेश यादव , तथा कई राज्यों के अध्यक्ष के अलावा पद्मश्री उमाशंकर पांडे को मंच पर बैठाया। गांधी समाधि राजघाट दिल्ली के सचिव श्री रजनीश कुमार पूर्व सचिव हरिजन सेवक संघ ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जो जीवंत संस्थाएं हैं उनमें से एक पुण्य भूमि है। मुझे यहां की पांच वर्ष सेवा का अवसर मिला। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैंने एक ऐसे गांधी के संगठन में काम किया जहां का। अध्यक्ष पूरी सत्य निष्ठा से समर्पित है।और संस्था से पांच वर्ष में एक पैसे का बिल नहीं लिया।यात्रा भी वह अपने खर्चे से करते हैं।देश में इस प्रकार के संगठन कम ही होंगें। मैं इसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। इस संस्था को मोरारी बापू जैसे संत ने आकर आशीर्वाद दिया। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने कहा कि बाबा की प्रिय संख्या 11 और प्रिय पहाड़ा 09 दोनों का आशीष इस 92 वे स्थापना दिवस में समाहित हैं। कल इस सम्मेलन ने जो आध्यात्मिक ऊंचाई का स्पर्श किया है वह बहुत बड़ी है आदरणीय सुदीक्षा माता जी का प्रवचन इतनी गहराई का था। गांधी विनोबा का यह विचार बहुत आगे बढ़ता जायेगा। इस सत्र में मंच पर डा देवेंद्र सिंह गया, श्री परमानंद स्वामी हरियाणा, श्री बाजीर भाई विजयवाड़ा, पी मारुति मद्रास , तिब्बत सरकार के डिप्टी स्पीकर रहे आचार्य यशी जी रूरल चैंबर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल भूईंकर और पदमश्री उमाशंकर पांडे ने संबोधित किया। आज शाम को सद्भावना सम्मेलन का समापन होगा। 22 राज्यों के।प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संपन्न होगा।सम्मेलन में हरिजन सेवक संघ उत्तरप्रदेश की अध्यक्ष सुश्री कुसुम जौहरी के अलावा डा अशोक शुक्ला,लखनऊ विजय प्रकाश,हरदोई भगवती प्रसाद पांडे फतेहपुर श्री शिव विजय एवं मृत्युंजय कुमार बांदा श्री सुरेश प्रसाद शक्ल प्रयागराज एवं साठ से अधिक प्रतिभागी आए। ऐसे ही बिहार के श्री रामकुमार मंडल के साथ भी सफाई के प्रतीक श्याम पूर्णिया राजेंद्र भाई राजोरानी सुनील सिंह मोकामा जय प्रकाश मंडल संजय कुमार सुमन आदि अनेक भाई बहन आए। बंगाल से आदरणीय शिखा सान्याल श्री रखाल चंद्र सतांतानी बहन राधा बहन जी के अलावा अनेक लोग आए थे। पांडिचेरी के आदवन भी अपने कई मित्रों के साथ पधारे। श्री सुरेश राठी जैसे सब शिविरों में आते यहां भी आभा कौशिक के साथ मौजूद थे। नागपुर महाराष्ट्र के श्री राजीव देशपांडे , डा अनिल बाघ, भी पधारे । नोएडा के डा ब्रजगोपाल सिंह भी कई साथियों के साथ सम्मेलन में भाग लिए।उड़ीसा के अध्यक्ष श्री आर्यभट्ट मोहंती के कई साथी सम्मेलन के पहले बनारस सत्याग्रह में भाग लेकर गांधी आश्रम पहुंचे थे।तेलंगाना के श्री जगपाल जी भी आए । दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री श्रीभगवान शर्मा के साथ उनकी राज्य समिति के लोग और ढका की संविधान बचाओ समिति के श्री लाल बाल और पाल सभी व्यवस्थाओं में मदद करते दिखे। दिल्ली के डा दिनेश कुमार , भी शामिल हुए।हिमाचल प्रदेश की टीम इसलिए चली गई क्योंकि वहां सोलन में राज्य सद्भावना सम्मेलन का आयोजन 29 को है।