श्राद्ध कर्म का सही समय
मृत्युंजय प्रताप सिंह पत्रकार
लखनऊ। श्राद्ध पक्ष 2024 की शुरुआत 17 सितंबर से हो गई है और इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा। इस दौरान पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का विशेष महत्व है। श्राद्ध कर्म के लिए सही समय सूर्यास्त से पहले का होता है, जिसे “कुतुप काल” कहा जाता है। इस काल में पितरों का तर्पण और पिंडदान करना सबसे शुभ माना जाता है। कुतुप काल आमतौर पर दोपहर 11:30 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक रहता है, हालांकि यह समय स्थान और दिन के अनुसार बदल सकता है, इसलिए सही समय जानने के लिए स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी की सलाह लेना जरूरी है।
क्या है श्राद्ध कर्म का उद्देश्य?
श्राद्ध कर्म का मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों को सम्मान देना और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना है। यह कर्म पितरों के ऋण से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, पितरों का आशीर्वाद हमें जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है। श्राद्ध कर्म के माध्यम से हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए अन्न, जल, और तिल अर्पित करते हैं। इस कर्म से हमें पारिवारिक कल्याण और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषायन, लखनऊ
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