समाज कल्याण विभाग में आज आठवें दिन भी आंदोलन जारी रहा
संविदा शिक्षकों ने काला फीता बांध कर विरोध जारी रखा
🤙400 से अधिक शिक्षकों ने लखनऊ में धरना प्रदर्शन के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को भेजा आवेदन
✔️संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव कार्मिक को स्थिति से कराया अवगत
🙏हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया
लखनऊ 23 अगस्त,
समाज कल्याण विभाग एवं जनजाति विकास विभाग के शिक्षकों का आंदोलन आज आठवें दिन भी जारी रहा। सभी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया। समाज कल्याण विभाग के सूत्रों की माने तो समाज कल्याण विभाग में शिक्षकों के संविदा नवीनीकरण की कार्यवाही तेजी से हो रही है। इस बीच जनजाति विकास विभाग में अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से जनजाति विकास विभाग के शिक्षकों में रोष है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने लखनऊ में प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि जनजाति विकास विभाग में नियमित निदेशक की तैनाती नहीं होने के कारण निदेशालय का पूरा काम एक उप निदेशक के भरोसे चल रहा है। उप निदेशक शासन एवं उच्च आदेशों का अनुपालन नहीं करती हैं। जनजाति विकास विभागमें चार शिक्षकों की संविदा राशि में संशोधन का लाभ उप निदेशक की जिद्द के कारण रुका हुआ है। इस संबंध में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण एवं जनजाति विकास से वार्ता भी किया था, लेकिन उप निदेशक पर कोई असर नहीं पड़ा है। अवगत कराया गया है कि 27 अगस्त के धरना प्रदर्शन के लिए शिक्षकों में बहुत उत्साह है। अभी तक की प्राप्त सूचना के अनुसार 400 से अधिक शिक्षकों ने लखनऊ धरना प्रदर्शन में शिरकत करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को अवगत करा दिया है। आज संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक से मुलाकात कर उनको वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। जे एन तिवारी ने कहा है कि हालांकि संयुक्त परिषद आपसी बातचीत के माध्यम समस्या का हल निकालना चाहती है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण वार्ता का माहौल नहीं बन रहा है। प्रमुख सचिव कार्मिक ने निदेशक समाज कल्याण से बात कर समस्या का समाधान कराने को कहा है। जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि जनजाति विकास विभागमें आंदोलन तेज करना पड़ेगा क्योंकि वहां के शिक्षकों को डराया धमकाया जा रहा है। जब तक चार शिक्षकों को संविदा संशोधन का लाभ नहीं मिल जाता है एवं जनजाति विकास विभाग के सभी शिक्षकों का नवीनीकरण नहीं हो जाता
जनजाति विकास विभागमें आंदोलन जारी रहा।