उत्तर प्रदेश

इंडिया रूरल कोलोक्वी में टी.आर.आई. ने किया फैलोशिप का शुभारंभ

ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण आवश्यक - ब्रजेश पाठक

इंडिया रूरल कोलोक्वी। 06 अगस्त 2024। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ

• स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे का विकास और स्वास्थ्य सेवओं की बेहतरी के लिए समुदाय की भागीदारी को मजबूत करना आवश्यक श्री ब्रजेश पाठक

●पूरे देश में सेवाऐं देंगी उत्तर प्रदेश की नर्से ब्रजेश पाठक

 

मृत्युंजय प्रताप सिंह पत्रकार

लखनऊ , 6 अगस्त लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इंडिया रूरल कोलोक्वी के चौथे संस्करण में उत्तर प्रदेश में आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कृषि मूल्य श्रृंखलाओं (एवीसी) में समावेशन को बढ़ावा देने एवं किसानों की निर्भरता बाहरी कारकों पर कम करने के महत्व को रेखांकित किया गया। ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (टीआरआई) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ विभिन्न पैनल चर्चाएं भी हुई, जिसमें प्रभावशाली और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सभी वर्गों की भूमिका बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम का एक सत्र ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर केंद्रित था, जिसकी शुरुआत माननीय उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रजेश पाठक के मुख्य उद्बोधन से हुई। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और सामुदायिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। श्री पाठक के कहा कि आने वाले समय में पूरे देश को उत्तर प्रदेश से प्रशिक्षित नर्स सेवाऐं देंगीं। नए विचारों के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने इंडिया रूरल कोलोक्वी में प्राप्त विचारों पर कार्य करने की सरकार की प्रतिबद्धता जताई। इस कार्यक्रम के दौरान प्रथम चरण में चिन्हित 11 जनपदों में पीपीआईए फेलोशिप का भी शुभारंभ किया गया।

 

पैनल ने स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने की रणनीति के रूप में समुदाय आधारित देखभाल मॉडल पर प्रकाश डाला और विकास के लाभों को ग्रामीण उत्तर प्रदेश के सभी कोनों तक पहुँचाने के लिए सामूहिक कार्यवाही की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे अधिक समावेशी और समृद्ध राज्य अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त हो सके।

 

कार्यक्रम के प्रथम सत्र का आयोजन उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. देवेश चतुर्वेदी, आईएएस की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें डॉ. देवेश ने कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि मूल्य श्रृंखलाओं (AVC) को विकसित करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार सड़क, बिजली, सिंचाई, उर्वरक आदि जैसी कृषि से जुड़ी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। लेकिन चुनौती कृषि में निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करने की है ताकि कोल्ड चेन सुविधाएं और बायबैक व्यवस्थाएं बनाई जा सकें और किसान के नुकसान को कम करते हुए बेहतर दरें दिलवा पाएँ। पैनल ने कृषि में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाने, संवहनीय खेती के तरीकों को बढ़ावा देने, कृषि में महिलाओं की भूमिका समझने और इसे बढ़ावा देने वाले नीति सुधारों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

 

इस सत्र में फ्लिपकार्ट समूह में सस्टेनेबिलिटी प्रमुख और वॉलमार्ट के सामाजिक एवं पर्यावरण प्रभाव सलाहकार श्री निशांत भी शामिल थे, जिन्होंने छोटे किसानों विशेषकर महिलाओं को एफपीओ में संगठित करने पर जोर दिया जिससे एक तो महिलाओं में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है साथ ही संगठन के माध्यम से मैकेनाईजेशन व मूल्य संवर्द्धन की व्यवस्था बनाना और इसकी छोटे किसानों तक पहुंच बनाना आसान हो जाता है। श्री निशांत ने महिला किसानों को सशक्त बनाने और एक संवहनीय कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में टिकाऊ तरीकों और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी का महत्व पर भी जोर दिया। सत्र का समापन कृषि में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए रणनीतिक उपायों के आह्वान के साथ हुआ, जिसमें राज्य की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने और व्यापक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी गई।

 

“कार्यबल विविधीकरणः उत्तर प्रदेश के विकास के लिए अनिवार्य” शीर्षक से एक प्रतिष्ठित पैनल चर्चा ने उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यबल में विविधता लाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। पैनल ने राज्य में आर्थिक विकास को व्यापक रूप से आगे बढ़ाने के लिए विशेष रूप से कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों के बीच कार्यबल की भागीदारी को बढ़ाने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला। चर्चा को समृद्ध करते हुए. सिडबी के जनरल मैनेजर श्री मनीष सिन्हा ने कार्यवल में हर वर्ग के समावेशन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में उद्यमी ऐसा सोचते हैं कि अभी उद्यम प्रारंभ करने के लिए उपयुक्त माहौल नहीं है। परन्तु उन्हें उद्यम प्रारंभ करने के लिए आदर्श स्थिति का इंतजार करने की जरूरत नहीं है, उन्हें अभी से काम शुरू कर देना चाहिए। स्थितियाँ धीरे-धीरे अपने आप बदल जाएँगी।

 

इस कार्यक्रम में सुश्री पिंकी जोवेल IAS मिशन डायरेक्टर के द्वारा ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया के सहयोग से पी.पी.आई.ए. फैलोशिप का शुभारंभ किया गया। इस फेलोशिप के अंतर्गत प्रथम चरण में चिन्हित 11 जनपदों में संबंधित जिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में प्रोफेशनल की पदस्थापना करते हुए उन्हें नियुक्ति-पत्र प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम अंतर्गत पदस्थ प्रोफेशनल स्थानीय विभागों के साथ काम कर राज्य सरकार के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों तथा विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधित सूचकांकों के अंतर्गत प्रगति में सुधार लाने हेतु जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में आवश्यक रणनीतिक सहयोग प्रदान करेंगे।

 

ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (TRI) के निदेशक गौरव मिश्रा के अनुसार, “वर्ष 2021 से इंडिया रूरल कोलोक्वी ग्रामीण विकास के संबंध में गोष्ठियों एवं चर्चाओं के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के रूपांतरण हेतु जमीन से जुड़े मुद्दे तथा उन पर कार्यवाही किए जाने योग्य सुसंगत विचार रखे जाते हैं। इन संवादों के माध्यम से हमें समृद्ध ग्रामीण समुदाय की अवधारणा को सशक्त बनाए जाने हेतु कार्ययोजना तथा लोकनीति के निर्माण हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त होता है।”

 

इंडिया रूरल कोलोक्वी के बारे में बताते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया (TRI) द्वारा आयोजित इंडिया रूरल कोलोक्वी का चौथा संस्करण, 1 से 8 अगस्त तक दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाली बातचीत और कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण पुनर्जागरण को प्रेरित करना है। इंडिया रूरल कोलोक्वी ग्रामीण विकास के लिए विचारों और कार्रवाई योग्य समाधानों को प्रेरित करने के लिए नागरिक समाज, सरकार और व्यवसाय से विविध आवाजों को इकट्ठा करता है। अगस्त क्रांति सप्ताह के दौरान आयोजित, कोलोक्वी भारत के सबसे बड़े लोगों द्वारा संचालित आंदोलन की परिवर्तन और कार्रवाई की भावना को प्रतिध्वनित करता है। पैनल चर्चाओं, वाद-विवादों, अग्नि-सम्बन्धी चर्चाओं और गोलमेज बैठकों के माध्यम से, भारत ग्रामीण संगोष्ठी के चौथे संस्करण में जलवायु लचीलापन, स्वास्थ्य और पोषण, युवा रोजगार, सूक्ष्म उद्यम, कृषि समृद्धि, लैंगिक समावेशिता और स्थानीय शासन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिसका उद्देश्य एक समृद्ध ग्रामीण भारत का निर्माण करना है।

Dainik Aaj

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