रामनगर बेंगलुरु से राम लला की नगरी तक आई चांदी की ईंट, वापस ले जाएंगे पावन भूमि की धूलि
- लखनऊ एयरपोर्ट से बस द्वारा अयोध्या के लिए रवाना हुआ दल
लखनऊ। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के वास्तविक मूल्यों एवं सिद्धांतों को पुनर्जीवित करने के लिए कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कर्नाटक सरकार के उच्च शिक्षा आईटी और बीटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कौशल विकास मंत्री डॉ. सी. एन. अश्वथ नारायण रामनगर बेंगलुरु के अपने 150 प्रतिनिधियों के साथ आज 14 दिसंबर को पवित्र राम जन्म भूमि अयोध्या के दौरे पर आए हैं।
लखनऊ एयरपोर्ट से बस द्वारा अयोध्या के लिए दल रवाना हुआ रामनगर का नाम श्री राम पर ही रखा गया है। यह नगर रामदेवरा बेट्टा (रामदेवरा पहाड़ियाँ) के चरणों में स्थित है। यह माना जाता है कि रामायण काल में शक्तिशाली वानर राजा सुग्रीव द्वारा यहाँ राम की मूर्ति स्थापित की गई थी। कर्नाटक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कंगल हनुमंथाय्या द्वारा इस स्थान का नाम रामनगर रखा गया था।
किंवदंती के अनुसार भगवान राम और मां सीता ने वनवास का कुछ समय रामदेवरा में भी व्यतीत किया था अरखावती नदी के पास उनके कदम आज भी संरक्षित हैं, और उसी के लिए एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया गया है। इस दृष्टि से रामनगर का राम जी से गहरा संबंध है।
जानकारी के मुताबिक डॉ. सीएन अश्वथ नारायण एवं प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राम लला के दर्शन और पूजन के बाद उन्हें चांदी की ईंट भेंट करेंगे। साथ ही, रेशम के लिए विख्यात रामनगर में तैयार की गई एक रेशमी साड़ी मां सीता को भेंट की जाएगी। राम लला को जो चांदी की ईंट चढ़ायी जायेगी, उसकी पूजा पहले रामदेवरा बेट्टा और कालेंगल हनुमंतरा मंदिर में की जा चुकी है।
रामनगर के रामदेवरा बेट्टा और अयोध्या के बीच एक पारंपरिक संबंध है, इसलिए स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अयोध्या की पावन मिट्टी को राम बेट्टा ले जाया जाएगा।
एक डॉक्टर होने के नाते श्री नारायण को यह लगता है कि यह वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह नई पीढ़ी और पूरी दुनिया को भगवान राम के ज्ञान, सात्विक जीवन और राज्य कौशल से परिचित कराए।
वे देश-दुनिया से सभी भारतीयों को कर्नाटक आने और राम के साथ भारत की एकता और विविधता का जश्न मनाने के लिए रामनगर आमंत्रित करते कहते हैं कि सब आएं और रामनगर की समृद्ध परंपरा और विरासत को देखें, समझे और आत्मसात करें।