उत्तर प्रदेश
● लोकसभा चुनाव में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की भूमिका होगी अहम
●राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भेजा मुख्यमंत्री को विस्तृत पत्र - जे एन तिवारी
मृत्युंजय प्रताप सिंह
लखनऊ 3 मार्च, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि लोकसभा 2024 के चुनाव में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की भूमिका अहम होने जा रही है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मतदाता जागरण अभियान के माध्यम से प्रदेश के कर्मचारियों से सीधे संवाद स्थापित कर रहे हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े हुए सभी संगठन, विभिन्न फील्ड वर्कर्स एसोसिएशन, प्रदेश की ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के मतदाताओं से सीधे संपर्क में है। प्रदेश में कार्यरत ढाई लाख से अधिक आशा बहुएं प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत के घर घर में घुसी हुई हैं।आशा बहू और ग्रामीण जनता, विशेष कर महिलाओं के साथ उनका कंफूसिया रिश्ता है। आशा बहुएं प्रजापत तंत्र में अपनी भूमिका के माध्यमसे चुनाव को कोई भी मोड़ दे पाने में सक्षम है। खाद्य रसद विभाग के कर्मचारी राशन वितरण के माध्यमसे प्रदेश के 80 लाख से भी अधिक गरीब परिवारों से सीधे जुड़े हुए हैं। गरीब परिवारों राशन वितरण एक महत्वपूर्ण कार्य है। इस कार्य के दौरान खाद्य रसद विभाग के कर्मचारी 80 लाख परिवारों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित करते हुए लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका मे हो सकते हैं। समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के आश्रम पद्धति विद्यालयों मे कार्यरत संविदा शिक्षक, माध्यम एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के साथ सीधे जुड़े हुए हैं। आश्रम पद्धति विद्यालय, आवासीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में आदिवासी ,जनजाति एवं समाज के निचले तबके के परिवारों के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि इन बच्चों के माध्यमसे जनजाति विकास एवं समाज कल्याण विभाग में 1000 से भी संविदा शिक्षक संपूर्ण आदिवासी, जनजाति एवं अंत्योदय योजना के अंतर्गत जीवन यापन कर रहे परिवारों से सीधे जुड़े हुए हैं। यह शिक्षक भी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मतदाता जागरूकता अभियान में सम्मिलित है। जनजाति विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के माध्यम से सरकार कई योजनाएं चला रही है, उन समस्त योजनाओं को जन_ जन तक पहुंचाने का कार्य समाज समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के शिक्षकों के माध्यम से व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। लाखों की संख्या में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी भी संयुक्त परिषद के साथ जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री जी ने आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने की घोषणा किया था। कई वार्ताओं के कार्यवृत्त मे भी न्यूनतम मजदूरी तय करने का निर्देश लिखित रूप में आया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद को उम्मीद थी कि आउटसोर्स कर्मचारी के न्यूनतम वेतन का निर्धारण चुनाव से पहले हो जाएगा परंतु मुख्यमंत्री जी की घोषणा अफसर शाही की भेंट चढ़ गई और यह आउटसोर्स कर्मचारी के लिए लॉलीपॉप होकर के रह गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के हजारों की संख्या मे कर्मचारी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मतदाता जागरूकता अभियान का हिस्सा हैं। महिला कल्याण विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से 200 महिला कर्मचारियों को सेवा से अलग कर दिया। अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ वार्ता में विभाग द्वारा यह कहा गया कि किसी कर्मचारी को सेवा से अलग नहीं कियागया है्य स्थिति परंतु स्थिति बिल्कुल उलट है 200 महिला कर्मचारी आज रोजगार सें बेदखल कर दिए गए हैं। इसका असर भी चुनाव पर पड़ सकता है। जे एन तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत पत्र लिखकर कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याएं जिनमे पुरानी पेंशन योजना की बहाली, नई पेंशन योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू किया जाना, वेतन विसंगतियां दूर कियाजाना, रिक्त पदों को भर जाना पदोन्नति के पदों को भरा जाना, सरकारी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना, सहित कुछ महत्वपूर्ण मांगों पर शासन स्तर पर बार-बार हुई वार्ताओं में निर्णय लिए जाने के बावजूद भी अमल नहीं किए जाने से कर्मचारी अपने को छला हुए उन्होंने मुख्यमंत्री जी से अपील किया है कि कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं पर निर्णय कर दे। इन समस्याओं पर चुनाव अधिसूचना से पूर्व निर्णय हो चुका है। अतः इनको अमल करने में चुनाव अधिसूचना आड़े नहीं आ रही है। यदि कर्मचारियों से संबंधित उचित मांगों पर आदेश नहीं होते हैं तो चुनाव में कर्मचारी अपने पूर्ण मनोबल के साथ कार्य नहीं कर पाएंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का मतदाता जागरण अभियान प्रदेश में निर्वाध रूप से चल रहा है बुंदेलखंड मंडल में मतदाता जागरूकता अभियान के माध्यम से कर्मचारियों में संदेश भेजा जा चुका है। संयुक्त परिषद के संदेश को जन जन तक पहुंचाने का कार्य जनपदों के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है।