उत्तर प्रदेश

ब्रेन ट्यूमर से कैसे बचें और कैसे हो इलाज, जागरूकता है जरूरी

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा के डॉक्टर प्रशान्त अग्रवाल ने ब्रेन ट्यूमर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी

मृत्युंजय प्रताप सिंह पत्रकार

ग्रेटर नोएडा, 9 जून 2024, हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एकजुट होते हैं। ब्रेन ट्यूमर दिमाग में सेल्स का असामान्य रूप से बढ़ना होता है। यह या तो दिमाग में ही बन सकता है या शरीर के दूसरे हिस्सों से फैलकर दिमाग तक पहुंच सकता है। हालांकि, ब्रेन ट्यूमर होने के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा के न्यूरोसर्जन डॉक्टर प्रशांत अग्रवाल ब्रेन ट्यूमर के कुछ मुख्य पहलुओं पर रोशनी डालते हुए बताया।

 

डॉक्टर अग्रवाल बताते हैं कि ब्रेन ट्यूमर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, पहला इंट्रा-एक्सियल और दूसरा एक्सट्रा-एक्सियल। इंट्रा-एक्सियल ट्यूमर मस्तिष्क के “अंदर” होते हैं। इनमें सबसे आम प्रकार है ग्लियोमा। वहीं एक्सट्रा-एक्सियल मस्तिष्क के बाहर होता है और इसमें मेनिनजियोमा सबसे ज्यादा पाया जाता है। ब्रेन ट्यूमर होने का कोई स्पष्ट कारण तो नहीं पता चला है, लेकिन कुछ संभावित जोखिम कारकों में रेडिएशन के संपर्क में आना और सिर पर चोट लगना शामिल है। उम्रदराज लोगों में हाई-ग्रेड ग्लियोमा होने का खतरा ज्यादा होता है।

 

 

पी53 जैसे जेनेटिक म्यूटेशन का संबंध भी ब्रेन ट्यूमर से हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम करने के लिए रेडिएशन के संपर्क को कम करना जरूरी है, खासकर बिना वजह के सीटी स्कैन करवाने से बचना चाहिए।

 

 

फिलहाल शोधों से यह साफ नहीं हो पाया है कि खानपान और व्यायाम का ब्रेन ट्यूमर के खतरे से सीधा संबंध है। इलाज की बात करें तो साधारण ट्यूमर का ऑपरेशन करके ठीक किया जा सकता है। गंभीर ट्यूमर को पूरी तरह से ठीक करना हमेशा संभव न हो, लेकिन सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी से मरीजों की उम्र और जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार किया जा सकता है।

 

डॉक्टर अग्रवाल ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए विशेषज्ञ न्यूरोसर्जन से सलाह लेने की सलाह देते हैं। घरेलू नुस्खे कारगर नहीं होते और इलाज में देरी से मरीज की स्थिति खराब हो सकती है। आधुनिक सर्जरी तकनीक, जैसे हाई-डेफिनिशन माइक्रोस्कोप, न्यूरो-मॉनिटरिंग और सीयूएसए उपकरणों का इस्तेमाल ऑपरेशन के बाद होने वाली परेशानियों को कम करता है, जिससे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।

 

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस जागरूकता बढ़ाने, शोध को बढ़ावा देने और ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित लोगों को सहारा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, खतरे और इलाज के विकल्पों को समझने से हम लोगों को सही फैसला लेने और समय पर इलाज कराने में मदद कर सकते हैं।

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