आंतों में गांठ सही करने के अनेकों साक्षात प्रमाण// डॉ एस बी तिवारी लिम्का बुक रिकॉर्डर…..
मृत्युंजय प्रताप सिंह संवाददाता
राजधानी लखनऊ : आंतों में गांठ जिसे चिकित्सा के भाषा में मिशनट्रिक लिंफाडेनोपैथी के नाम से भी जाना जाता है ।इसे लेकर आम जनमानस में बहुत बड़ी गलतफहमियां है ।खास तौर से एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में जब इसे इलाज के लिए जाए जाते हैं तो वह यह कहते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है यह समय के साथ सही हो जाएगा इधर परेशानी इतनी ज्यादा होती है कि एक-एक मिनट काटना मुश्किल होता है कभी-कभी तो इतना भयंकर दर्द होती है इतनी ज्यादा परेशानी होती है की खास तौर से हमारे नन्हे मुन्ने बच्चे अगर इसके चपेट में आ जाएं जो कि ज्यादातर उन्हीं को होती है पूरा घर बहुत ज्यादा परेशान हो जाता है। ऐसे में हम सही इलाज न मिल पाने के वजह से और ज्यादा परेशान हो जाते हैं ।तमाम चिकित्सक इसमें टीवी के दवाई चलाते हैं जिससे भी परेशानी दूर नहीं होती। ऐसे में सचमुच में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति आंतों में गांठ के लिए किसी वरदान से काम नहीं है। आज जिस तरह से कल्याणम होम्योपैथी आंतों में गांठ के मरीजों के लिए विश्वास का पर्याय बनी है ।आज जिस तरह से अनेकों पेशेंट जिन्हें इस तरह की समस्या हुई थी आज पूरी तरह से सामान्य होकर अपना जीवन जी रहे हैं और उन्हें कोई समस्या भविष्य में भी नहीं आ रही है। ऐसे अनेकों प्रमाण डॉक्टर एस बी तिवारी जी की कल्याणम पत्रिका एवम के यूट्यूब चैनल डॉ एस बी तिवारी पर देखा जा सकता है और तो और यहां तक की पेशेंट की पूरी जानकारी उनका नाम मोबाइल नंबर और कितने दिन में पेशेंट ठीक हुआ सारी चीज आपको मिल जाएगी । जहां एक तरफ चिकित्सा विज्ञान में लोग इलाज तो करते हैं लेकिन उन्हें इस बात को लेकर के अनिश्चितता बनी रहती है कि मैं ठीक हूंगा कि नहीं । ऐसे में डॉ एस बी तिवारी कल्याण जी एक विश्वास का पर्याय बनाकर आम जनमानस के लिए अत्यंत ही सुखद भरोसा दे रहे हैं। उनका कहना है की होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में आंतों में गांठ के लिए ऐसी ऐसी दवाएं हैं कि उस समस्या को जड़ से ही समाप्त कर देते हैं जिससे अगर बच्चों में कोई कॉम्प्लिकेशन जैसे उसका वजन नहीं बढ़ रहा है, उसके पेट में दर्द हो रहा है, उसको बुखार ,हरारत, थकान और इस तरह के सिमटम दिख रहे हैं तो वह सब धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं। और बच्चे के तंदुरुस्ती भी सही हो जाती है ।और सबसे बड़ी बात यह होती है कि कोई भी दुष्प्रभाव नहीं छोड़ता जो की बहुत बड़ी बात है ।ऐसे में सचमुच में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति आंतों में गांठ के लिए किसी वरदान से काम नहीं।